सारण छपरा के किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर नगदी फसल के साथ-साथ अब मवेशियों के लिए बेहतर किस्म का चारा भी उगा रहे हैं. जिससे कमाई के साथ-साथ महीने में चारे पर खर्च होने वाले हजारों रुपए भी पॉकेट में बच रहे हैं. इसके साथ ही इस चारे को दुधारू मवेशी को खिलाने से दूध का उत्पान भी बढ़ जाता है और मवेशी भी काफी हेल्दी हो जाते हैं. सारण के किसान जिस घास को लगा रहे हैं. उसका नाम ‘नेपियर’ है. (रिपोर्टः विशाल कुमार)