हर साल बाढ़ के पानी में विद्यालय का डूबना सरकारी तंत्र की विफलता का स्पष्ट संकेत है. बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों से यह सवाल पूछा जाना लाजमी है कि क्या यह स्थिति सरकारी तंत्र की असफलता नहीं है? क्या बच्चों के भविष्य के साथ इस प्रकार का खिलवाड़ जारी रहेगा?