किसान शंभू यादव बताते हैं कि वे लगभग तीन बीघा में मरुआ की खेती कर रहे हैं. कृषि विभाग के द्वारा बीज भी उपलब्ध कराया गया था. वे लगभग तीन सालों से मरूआ की ही खेती करते आ रहे हैं. काफी दूर-दूर से लोग मरूआ लेने के लिए आते हैं अच्छा फायदा भी हो जाता है और मवेशियों के लिए यह चारा भी उपलब्ध हो जाता है.