मिथिलांचल में कुशी अमावस्या का विशेष महत्व है, जहां इस दिन कुश उखाड़ने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस परंपरा को कुशोत्पाटन कहा जाता है. कुश, जो दिखने में बिल्कुल घास की तरह होता है, लंबा और पतला होता है. इसे उखाड़ने से पहले मंत्र का उच्चारण किया जाता है, जिससे इस पूरी विधि में छिपे रहस्य और मान्यताओं का पता चलता है.