Kosi Barrage: बिहार में पुलों के ढहने और ध्वस्त होने के मामले जब भी सामने आते हैं तो प्राय: भ्रष्टाचार, बेईमानी और ईमानदारी के बीच बहस छिड़ जाती है. एक बार फिर बिहार में तब के ‘ईमानदार’ इंजीनियर और अब के ‘बेईमान’ इंजीनियर को लेकर बहस तेज हो गई है. दरअसल, बिहार के सुपौल जिले में नेपाल से आए जल सैलाब ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 6 दशक पहले बना कोसी बराज अपनी उम्र पूरी करने के बावजूद आज भी अपनी पूरी क्षमता के साथ खड़ा है और खतरा लगभग टल चुका है. कोसी बराज ने लाखों लोगों की जान तो बचाई ही साथ ही प्रदेश के खरबों रुपये का नुकसान भी बचा लिया. अब आम लोग कोसी बराज के निर्माण करने वालों की ‘ईमानदारी’ को सैल्यूट कर रहे हैं.