स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भवन का निर्माण हुआ था ताकि लोगों को इलाज के लिए दूरदराज के क्षेत्रों में नहीं जाना पड़े. लेकिन अभी तक यहां कोई चिकित्सक नहीं नियुक्त किया गया और इस कारण लोगों को इलाज के लिए अररिया या पूर्णिया जैसे दूरस्थ स्थानों की यात्रा करनी पड़ रही है.