भागलपुर: ‘साहब, बाढ़ से नहीं कटाव से डर लगता है.’ यह कहानी है हर उस प्रखंड की जहां पर बाढ़ के साथ-साथ कटाव भी तबाही मचाती है. तबाही का मंजर ऐसा होता है कि लोगों को अपना मकान खुद से तोड़ना पड़ता है. इतना ही नहीं सारे सामान को खाली कर और ऊंचे जगह पर पलायन तक करना पड़ता है.