पटना एयरपोर्ट अपनी भौगोलिक स्थिति और सीमित भूमि के कारण भविष्य में यातायात की बढ़ती मांगों को पूरा नहीं कर सकता. जबकि, बिहटा में एयरपोर्ट बनने से न केवल पटना में यातायात का बोझ कम होगा, बल्कि यह उत्तर और पूर्वी भारत के बीच एक अहम कनेक्टिविटी हब के रूप में भी काम करेगा.