तारा रानी के सामने दो विकल्प थे, पहला- वह गोली से जख्मी अपने पति की जान बचाएं और दूसरा- आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए पुलिस स्टेशन के बाहर तिरंगा फहराए. यहां पर वीरांगना तारा ने एक कड़ा फैसला लिया और देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. कौन हैं अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाली वीरांगना तारा, जानने के लिए पढ़ें आगे…