ग्रामीणों का मानना है कि यहां के शिवलिंग स्वयंभू है. शिवलिंग में गौरी भी स्थापित हैं. मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहां शिवलिंग के आगे नीचे दो गड्ढे हैं. इसकी गहराई अब तक पता नहीं लग पाया है. यदि कोई भी यहां आता है तो वहां पर जाकर गड्ढे में हाथ डालकर ढूंढने की कोशिश करता है. अगर कुछ मिल जाता है तो वह सौभाग्यशाली समझा जाता है.