<p style=”text-align: justify;”><strong>ISRO:</strong> भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो (ISRO) और नासा (NASA) एक संयुक्त मिशन पर काम कर कर रहे हैं. इस मिशन के तहत नासा इसरो के एक भारतीय वैज्ञानिक को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजेगा. ये दोनों संगठन अंतरिक्ष अनुसंधान में अपनी विशेषज्ञता साझा करेंगे और आईएसएस (ISS) पर प्रयोग और अनुसंधान के लिए एक साथ काम करेंगे. इस मिशन के लिए इसरो ने अपने पहले अंतरिक्ष यात्री यानी एस्ट्रोनॉट का चयन कर लिया है. </p>
<h2 style=”text-align: justify;”><strong>भारत का नाम रौशन करेंगे सुभांशु शुक्ला</strong></h2>
<p style=”text-align: justify;”>इसरो ने सैकड़ों एस्ट्रोनॉट्स में से एक एस्ट्रोनॉट का सिलेक्शन किया है और उनका नाम कैप्टन सुभांशु शुक्ला है. सुभांशु शुक्ला को इसरो ने नासा की ओर से आईएसएस मिशन पर जाने के लिए चुना है. वह भारत की ओर से आईएसएस मिशन पर जाने वाले पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट यानी अंतरिक्ष यात्री बने हैं. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसरो के इस आगामी मिशन का नाम एक्सिओम मिशन-4 {Axiom Mission-4 (Ax-4)} है, जिसके लिए कैप्टन सुभांशु शुक्ला को मुख्य अंतरिक्ष यात्री के रूप में घोषित किया गया है. यह भारत और अमेरिका का एक संयुक्त मिशन है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) जाएगा. यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि शुक्ला आईएसएस जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे.</p>
<h2 style=”text-align: justify;”><strong>ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला का अनुभव</strong></h2>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला के अनुभव की बात करें तो वो वर्तमान में भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू युद्ध परीक्षण पायलट के रूप में कार्यरत हैं. उनके पास सुखोई-30एमकेआई (Sukhoi-30MKI), मिग-21 (Mig-21), मिग-29 (Mig-29) सहित विभिन्न विमानों पर 2000 से अधिक घंटे उड़ान भरने का अनुभव है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्ला 1999 के कारगिल युद्ध की बहादुरी की कहानियों से प्रेरित होकर सशस्त्र बलों में शामिल हुए थे. उन्होंने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की और उसके बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी में शामिल होकर 2006 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बहरहाल, इसरो और नासा के इस संयुक्त आईएसएस मिशन की बात करें तो इसके लिए भारत और अमेरिका के बीच जून 2023 में ही डील हुई थी, जब भारत के प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> अमेरिका के दौरे पर गए थे. यह भारत के इसरो और अमेरिका के नासा का एक साझा मिशन होगा. अब आखिरकार इस मिशन के लिए मुख्य अंतरिक्ष यात्री के तौर पर ग्रुप कैप्टन सुभांशु शुक्ला को चुना गया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस मिशन को अक्टूबर 2024 में लॉन्च किया जा सकता है</p>
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