यह कहानी बेरोजगारी के मुद्दे से दूर हट कर आत्मनिर्भर बिहार बनने की ओर एक कदम के रूप में देखी जा सकती है. प्रखंड परियोजना प्रबंधक के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन करोड़ लखपति दीदी के इस सपने को पूरा करने वाली लिस्ट में यह दीदी भी हैं.